जानुओं के पृष्ठ पर, एक वज्र मार दो! जानुओं के पृष्ठ पर, एक वज्र मार दो!
प्रेम क्या है? समझते हो तुम? वासना से लिप्त हो कर क्या समझ पाओगे तुम? प्रेम क्या है? समझते हो तुम? वासना से लिप्त हो कर क्या समझ पाओगे तुम?
तभी प्रकृति रहेगी पक्षियों का अस्तित्व रहेगा नहीं तो पक्षियों की प्रजाति विलुप्त हो जायेगी। तभी प्रकृति रहेगी पक्षियों का अस्तित्व रहेगा नहीं तो पक्षियों की प्रजात...
सुरक्षा की प्यास। सुरक्षा की प्यास।
पुरुष प्रधान इस लोक में अपना गरिमा ढूंढते रहते हैं। पुरुष प्रधान इस लोक में अपना गरिमा ढूंढते रहते हैं।
फूल हर रोज़ खिलता है, हर दिन मुरझा जाता है बागबान हर रोज़ पौधों को नया जीवन देता फूल हर रोज़ खिलता है, हर दिन मुरझा जाता है बागबान हर रोज़ पौधों को नय...